Phd full form, पीएचडी कोर्स क्या है? Career Option after Phd

PhD Course क्या है? phd ka full name form meaning? एडमिशन कैसे ले योग्यता क्या होनी चाहिए ? कोर्स पूरा करने का समय कोर्स की फीस कितनी है? पीएचडी करने के फायदे क्या है?
इस पोस्ट में हम आपको पीएचडी से जुड़ी हुई हर जानकारी देंगे अगर आप सभी जानकारी डिटेल्स में प्राप्त चाहते हैं तो इस पोस्ट को पूरा अंत तक पढ़े ।
phd full form – Doctor of philosophy
phd full form in hindi, डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी
आपने देखे होंगे कि बहुत सारे लोगों के नाम के आगे डॉक्टर लगा हुआ रहता है लेकिन असल में वह डॉक्टर होते नहीं है फिर भी उनके नाम के आगे डॉक्टर लगा होता है, उनके नाम के आगे डॉक्टर इसलिए लगा होता क्योंकि उन्होंने PhD Course कर रखा है।
अगर आप भी चाहते हैं जो आपके नाम के आगे डॉक्टर लग जाए तो इसके लिए आपको सबसे पहले PhD Course करना होगा और PhD Course करने से पहले आपको यह जानना होगा कि पीएचडी होता क्या है, कोर्स कैसे किया जाता है इसके बारे में संपूर्ण जानकारी आपको प्राप्त करनी होगी।
सबसे से पहले यह जानते हैं की PhD Course होता क्या है ?
Phd full form फॉर्म doctor of philosophy होता है ।
पीएचडी एक doctoral degree है, यह एक उच्च स्तर की डिग्री होती है पीएचडी करना आसान नहीं होता, आपको लग रहा होगा PhD Course करना है तो पहले जाकर पीएचडी में एडमिशन ले लेंगे तो ऐसा नहीं है, आप सीधे तरीके से पीएचडी में एडमिशन नहीं ले सकते, आपको पीएचडी करने के लिए सबसे पहले स्कूली शिक्षा करनी होगी उसके बाद कॉलेज की पढ़ाई पूरी करनी होगी उसके बाद आप पीएचडी के लिए अप्लाई कर सकते हैं। phd ka full name form meaning
PhD करने में 3 साल से 6 साल का समय लग सकता है ।
अगर आप कोई भी यूनिवर्सिटी या कॉलेज में प्रोफेसर बनना चाहते हैं या फिर सर्च करना चाहते हैं तो इसके लिए PhD का कोर्स करना बहुत ही जरूरी हो जाता है, पीएचडी की डिग्री में आपको एक विशेष विषय पर अध्ययन करना होता है।
आपको जो भी सब्जेक्ट में ज्यादा इंटरेस्ट हो या फिर जो सब्जेक्ट पढ़ने में आपको ज्यादा अच्छा लगता हो ,ज्यादा समझ में आता हो उसी सब्जेक्ट से आप 12th की पढ़ाई को पूरा करें उसके बाद आपको ग्रेजुएशन की पढ़ाई उसी सब्जेक्ट से करनी है, ग्रेजुएशन करने के बाद आपको मास्टर डिग्री करनी होगी उसके बाद उसी सब्जेक्ट से आपको पीएचडी करना होगा। अल्ताफ पूर्वक अपनी पीएचडी की डिग्री पूरी कर लेते हैं तो आपको सार्वजनिक क्षेत्रों में कई सारे फायदे मिलने शुरू हो जाएंगे।
पीएचडी में किसी एक सब्जेक्ट की डिटेल्स में स्टडी की जाती है जिससे आपको उस सब्जेक्ट का पूर्ण ज्ञान हो जाता है उस सब्जेक्ट के बारे में हर चीज आपको पता हो जाता है और आप उस विषय में एक्सपर्ट बन जाते हैं।
किसको PhD Course करना चाहिए?
जो भी स्टूडेंट्स को पढ़ाई में काफी ज्यादा रुचि होता कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद और कुछ साल पढ़ाई करना चाहते हैं उस सब्जेक्ट का पूरा अध्ययन करना चाहते हैं वह पीएचडी कर सकते हैं।
अगर आप कोई भी कॉलेज में प्रोफेसर या लेक्चरर नही बनना चाहते हैं तो आप कोई भी टॉपिक पर रिसर्च करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको पहले PhD Course करना होगा।
अगर कोई भी students चाहते हैं की बिना medical किए हुए में नाम के आगे डॉक्टर लग जाए तो वह PhD Course कर सकते हैं पीएचडी कंप्लीट करने के बाद उनके नाम के आगे डॉक्टर लग जाएगा ।
नाम के आगे डॉक्टर लगने के बाद अपना एक अलग ही स्टेटस हो जाता है।
PhD Course कैसे करें?
पीएचडी करना आसान नहीं होता है । पीएचडी कोई सामान्य डिग्री नहीं है आप इसे आसानी से नहीं कर सकते हैं पीएचडी करने के लिए पहले आपको समझना जरूरी होता है कि Complete process क्या है?
पहले आपको 12वीं क्लास पास करना होगा।
आपको ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के लिए सबसे पहले 12वीं क्लास पास करना जरूरी होता है जो भी सब्जेक्ट्स में आपकी रुचि है जो भी विषय पढ़ने में आपको अच्छा लगता है उस सब्जेक्ट से आप 12वीं पास करे।
जो सब्जेक्ट में आपको सबसे ज्यादा रुचि है उसी से आप पढ़ाई करेंगे तो आपको आगे भविष्य में पीएचडी करने में मदद मिल जाएगा।
आप को कम से कम ट्वेल्थ में 60% से पास होना अनिवार्य होता है।
उसके बाद आपको ग्रेजुएशन में एडमिशन लेना होगा।
12वीं पास करने के बाद आप अपने रुचि के हिसाब से जो भी सब्जेक्ट में आपको रूचि है या जिस विषय में आपको अच्छे अंक आए हैं अच्छे अंक मिलते हैं उसे विषय के साथ आप ग्रेजुएशन के लिए कॉलेज में अप्लाई करें कर दें और फिर अच्छे से पढ़ाई करके अगर आप किसी विषय में स्पेसलिस्ट बनना चाहते हैं तो आपको ग्रेजुएशन में 3 साल अच्छी तरीके से पढ़ना होगा अच्छे अच्छे से उस विषय पर अपना पकड़ बनाना होगा। phd ka full name form meaning
ग्रेजुएशन पास होने के बाद आपको पोस्ट ग्रेजुएशन यानी कि मास्टर डिग्री के लिए एडमिशन लेना होगा
पोस्ट ग्रेजुएशन यानी के मास्टर डिग्री लेने में आपको 2 साल लगेगा यह 2 साल का कोर्स होता है जो भी सब्जेक्ट में रुचि है उस पसंदीदा सब्जेक्ट से आप मास्टर डिग्री प्राप्त कर सकते हैं।
जो सब्जेक्ट से आपने ग्रेजुएशन किया है उसी सब्जेक्ट से आगरा पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री करते हैं तो आपको पीएचडी की डिग्री में काफी फायदा होगा बैचलर डिग्री और मास्टर डिग्री में अच्छा या कम से कम 60% अंक होना चाहिए ताकि आपको आगे एंट्रेंस एग्जाम देने में कोई परेशानी ना हो।
Eligibility for PhD Exam
पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद आपको UGC NET टेस्ट का एग्जाम के लिए करना होता है।
Phd full form, UGC का फुल फॉर्म University Grant Commission होता है ।
जैसे ही आपका मास्टर डिग्री पूरी हो जाती है उसके बाद आपको यूजीसी नेट के एग्जाम में अप्लाई करने के लिए आप एलिजिबल हो जाते हैं आपको पीएचडी करने के लिए यूजीसी नेट का एग्जाम देना होगा यह एग्जाम पास करने के बाद ही आप पीएचडीइ एंट्रेंस एग्जाम दे सकते हैं। phd ka full name form meaning
पहले PhD करने के लिए कोई एग्जाम नहीं देना होता था लेकिन अब एग्जाम पास करना अनिवार्य हो गया है।
आप जैसे हैं यूजीसी नेट का एग्जाम पास कर लेते हैं उसके बाद आप पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम देने के लिए एलिजिबल हो जाते हैं उसके बाद आप अपने रिकॉर्डिंग जो भी कॉलेज से पीएचडी की पढ़ाई पूरी करनी चाहते हैं उस कॉलेज का इंट्रेंस एग्जाम दे सकते हैं और एग्जाम क्लियर करने के बाद आप पीएचडी में प्रवेश ले सकते हैं।
यूनिवर्सिटी अपने इंट्रेंस एग्जाम खुदआयोजित करती है
यूनिवर्सिटी से पीएचडी करना चाहते हैं तो उसका एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करने के बाद पीएचडी में एडमिशन ले सकते हैं और फिर इसी प्रकार आपका पीएचडी की पढ़ाई शुरू हो जाएगी और फिर आप अपने पसंदीदा सब्जेक्ट में अच्छे रिसर्च करने के बाद डिग्री हासिल कर लेंगे । phd ka full name form meaning
Job and Career option after PHD
आजकल हर क्षेत्र में पीएचडी कैंडिडेट फैल रहे हैं क्योंकि अब केवल Academic area करने तक सीमित नहीं रह गया है।
आजकल पीएचडी पूरी करने के बाद प्रोफेशनल एकेडमी रिसर्च के क्षेत्र में किसी भी कॉरपोरेटर परिवेश में काम करना चाहते हैं ताकि वह अपने स्किल को अच्छे से और सही ढंग से इस्तेमाल कर पाएंगे बैंकिंग सेक्टर में काम करना चाहते हैं तो आपके पास पीएचडी इन फाइनेंस की डिग्री होना जरूरी होता है।
S/n | PhD | Worke space |
1 | PhD in molecular biology | Medical Research and Development. |
2 | PhD in biochemistry | Pattern lawyer |
3 | PhD in biology | Science writing |
4 | PhD in nutrition | Scientific advisor |
5 | PhD in law | Advisory position in government sector |
6 | PSD in chemistry | Analyst in chemical research and laboratories |
7 | PhD in Geology | Head of service in geological centres |
8 | PhD in Pharmacy | Medical research centers |
9 | PhD in Linguistics | Public sector and Science communication |
10 | PhD in English literature | College Professor |
पीएचडी करने के फायदे क्या होते हैं?
कोर्स करने के बाद बहुत सारे फायदे होते हैं
जैसे,
- PhD कोर्स करने के बाद आपके Value और भी बढ़ जाती है और आपके नाम के आगे डॉक्टर लग जाता है।
- आपके पास पीएचडी डिग्री है तो आप को आसानी से कोई भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर पद पर नियुक्ति की जा सकती है।
- PhD कोर्स करने के बाद आप उस क्षेत्र में एक्सपर्ट हो जाते हैं।
- PhD करने के बाद अपने सबजेक्ट पर रिसर्च और एनालिसिस कर सकते हैं।
- PhD करने के बाद आप अपने क्षेत्र में कोई भी पद के लिए आवेदन कर सकते हैं
- PhD करने के बाद आप अपने क्षेत्र में सही और गलत का निर्णय खुद ले सकते हैं।
PhD में Addmission करवाने से लेके PhD कोर्स पूरा करने तक का सफर आपको इस post के माध्यम बताएँगे।
- सबसे पहले आपको पीएचडी में एडमिशन लेना होगा।
- एडमिशन लेने के लिए बहुत सारे यूनिवर्सिटी में एंट्रेंस एग्जाम होता है उस इंट्रेंस एग्जाम देकर पीएचडी में एडमिशन ले सकते हैं।
- एंट्रेंस एग्जाम पास करने के बाद यूनिवर्सिटी एक viva लेती है , जिस भी विषय में पीएचडी करना चाहते हैं उस विषय में आपको एक टॉपिक चुनना होता है
- रिसर्च कमेटी होती है वह फाइनल करती है जो आप पीएचडी करने के योग्य है या नहीं। phd ka full name form meaning
मान लीजिए आपका पीएचडी में एडमिशन हो गया तब आगे की प्रक्रिया क्या है?
- Admission लेने के बाद एक कोर्स वर्ग नाम का टर्म आता है,
- कोर्स वर्ग में आपको रिसर्च करना सिखाया जाता है की किस तरह से रिसर्च किया जाता है,
- कोर्स वर्ग 6 महीने का होता है।
6 महीने के बाद इसका एग्जाम लिया जाता है यूनिवर्सिटी अपने स्तर पर इसका एग्जाम करवाती है।
इस में तीन पेपर का एग्जाम होता है।
1. रिसर्च पेपर
2. सब्जेक्ट का पेपर
पूछा जाता है कि यह पेपर आपके लिए महत्वपूर्ण क्यों है आप PhD करना क्यों चाहते हो।
एग्जाम में पास या फेल की घोषणा की जाती है।
ज्यादातर स्टूडेंट्स इस एग्जाम में पास हो जाते हैं कोई स्टूडेंट पास नहीं होते हैं तो उनको फिर से 6 महीने का मौका दिया जाता है। - कोर्स वर्ग पूरा होने के बाद आप का रजिस्ट्रेशन कंप्लीट हो जाता है, उसके बाद आपसे एडमिशन फीस ली जाती है सभी यूनिवर्सिटी का अलग-अलग फीस होता है , आपके यूनिवर्सिटी के हिसाब से आपका एडमिशन फीस लिया जाएगा ।
- उस के बाद स्टूडेंट्स के मन में डर रहता है जो गाइड हमको कैसे मिलेगा तो डरने की कोई बात नहीं है, आपको कहीं जाकर गाइड खोजने की भी जरूरत नहीं है , यूनिवर्सिटी में ही आपको गाइड मिलेगा।
- जो भी यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेटिव है या फिर आपके यूनिवर्सिटी में जो भी एचओडी है वह आपके सब्जेक्ट के अनुसार जो भी उस सब्जेक्ट के प्रोफ़ेसर हैं उनके गाइड में आपको देंगे। phd full form name
अब आपको गाइड भी मिल गया तो आगे क्या करे
उसके बाद आप जो भी इंटरव्यू के टाइम जो भी आप जो भी टॉपिक दिए होंगे जिस पर आप रिसर्च करना चाहते हैं पीएचडी करना चाहते हैं,
आपने कोई भी टॉपिक गलती से एडमिशन के टाइम इंटरव्यू में दे दिया तो आप को डरने की कोई बात नहीं है उसके बाद भी आप अपने टॉपिक बदल सकते हैं ।
उसके बाद आपको अपने गाइड से मिलना है, अपने गाइड से अच्छा व्यवहार रखें आपको अपने गाइड के साथ फ्रेंड जैसा व्यवहार रखना होगा ताकि आगे कोई भी परेशानी ना हो, गाइड की मदद से आप अपने टॉपिक का सब प्वाइंट में डिवाइड करवा लीजिए।
और यहां से आपका पीएचडी में काम करना शुरू हो गया।
सबसे बड़ी प्रॉब्लम यह आ जाती है कि उस टॉपिक के बारे में मटेरियल कहां से कट्ठा करें तो इसमें कोई भी परेशान होने की बात नहीं है आप अपने यूनिवर्सिटी के लाइब्रेरी से मटेरियल इकट्ठा कर सकते हैं या बहुत सारे ऐसे सब्जेक्ट होते हैं जिसमें आपको फील्ड वर्क करके अपना डाटा इकट्ठा करना होता है टेबल पर बैठकर ही काम करना होता है।
आपको अपना थीसिस लिखना होता है और डिपार्टमेंट में जमा करवाना होता है आपका प्री प्रेजेंटेशन होता है, फाइनल प्रजेंटेशन होने से पहले प्री प्रेजेंटेशन होता है , प्री प्रेजेंटेशन का मतलब यह होता है कि आपने जो भी थीसिस दिया , क्या सब काम किए हैं , क्या सब खोज किए हैं सब कुछ आपको प्रेजेंट करना होता है अपने डिपार्टमेंट के हेड के सामने , रजिस्टर के सामने और कमेटी के जो भी लोग होते हैं उनके सामने प्री प्रेजेंटेशन होता है , फाइनल प्रेजेंटेशन से पहले।
फिर वह आपको अप्रूवल देंगे जो आप इसके काबिल हुए हैं या नहीं। phd full form meaning
अगर आपको अप्रूवल मिल गया तो उसके बाद आपको अपने थेसिस की 4-5 कॉपी करवानी है।
इसकी एक कॉपी आपके गाइड के पास रहेगी
एक कॉपी यूनिवर्सिटी के लाइब्रेरी में रहेगी
दो कॉपी बाहर से जो आने वाला है आपका फाइनल में प्रजेंटेशन लेने के लिए एक कॉपी उसके पास भेजी जाएगी और एक कॉपी आपके पास रहेगी ।
आपको थेसिस की एक कॉपी पर एचओडी और अपने गाइड के साइन करवा कर आपको अपने यूनिवर्सिटी के एडमिनिस्ट्रेटिव के पास जमा करना होगा।
उसके बाद होता क्या है आप जो अपने थेसिस की कॉपी जमा करवाते हैं उससे एक सीडी तैयार किया जाता है, UGC का एक सिस्टम होता है सीडी का मैच करवाया जाता है जो आपने जो लिखा है वह कहीं से कॉपी किया हुआ तो नहीं है अगर आपका कॉपी किया हुआ रहता है तो आपका वह रिजेक्ट हो जाता है।
आपका थीसिस एकदम सही है आपने पूरी ईमानदारी के साथ काम किए हैं तो जो आपका नेट फाइनल प्रेजेंटेशन लेने वाले हैं वह अप्रूवल दे देते हैं जो हम 1 या 2 महीने टाइम लगता है और डेट देते हैं इस डेट को हम आएंगे और फिर यह प्रेजेंटेशन होगा।
उसके बाद आप का फाइनल प्रेजेंटेशन होता है।
बाहर से जो लोग आए हैं , वह आपका प्रेजेंटेशन लेते हैं।
आपसे यह पूछा जाता है कि आपने इस थीसिस में क्या काम किया है क्या खोज किए हैं ऐसा क्या किया है जिससे देश को हमारे समाज को आने वाले हमारे जेनरेशन को क्या लाभ मिलेगा यह आपको वहां पर बताना होगा और वहां पर आपको अपने विषय से संबंधित कुछ सवाल भी पूछे जाएंगे आपको उस सवाल का आंसर भी देना होगा।
आपने उस दिन वह प्रेजेंटेशन पास कर लिया तो उसी दिन आपके थीसिस में साइन होंगे और आपका जो पीएचडी का सर्टिफिकेट होगा वह उसी डेट का मिलेगा। phd ka full name form meaning
उसके बाद आपको डिग्री मिलता है, आपको एक ड्रेस दिया जाता है जो ब्लैक कलर का होता है वो आपको पहना होता है , पीएचडी की डिग्री देने के लिए राज्यपाल या फिर राष्ट्रपति इन दोनों में से कोई एक आते हैं, डिग्री देते हैं , उसमे को डॉक्टरेट प्राप्त हो जाता है आपको एक उच्च शिक्षा की डिग्री मिल जाती है और यह आपके कद को घर को कैरियर को कैरियर को बहुत ही ज्यादा बढ़ा कर देती है और यह बहुत बड़ी गर्व की बात होती है। स्टूडेंट के लिए और स्टूडेंट के माता-पिता के लिए भी बहुत बड़ी गर्व की बात होती है। यही था पीएचडी में एडमिशन लेने से पीएचडी डिग्री प्राप्त करने तक का सफर।
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पीएचडी में किसी एक सब्जेक्ट की डिटेल्स में स्टडी की जाती है जिससे आपको उस सब्जेक्ट का पूर्ण ज्ञान हो जाता है उस सब्जेक्ट के बारे में हर चीज आपको पता हो जाता है और आप उस विषय में एक्सपर्ट बन जाते हैं।
अगर आप कोई भी यूनिवर्सिटी या कॉलेज में प्रोफेसर बनना चाहते हैं या फिर सर्च करना चाहते हैं तो इसके लिए PhD का कोर्स करना बहुत ही जरूरी हो जाता है, पीएचडी की डिग्री में आपको एक विशेष विषय पर अध्ययन करना होता है।
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